
भारद्वाज ट्विस्ट
**विवरण:**
इस योग मुद्रा में, शरीर एक तरफ घूमता है, एक हाथ विपरीत पैर पर रखा जाता है और दूसरा हाथ स्थिरता के लिए फर्श पर रखा जाता है। सिर शरीर के घूमने का अनुसरण करता है, और नज़र मुड़ने वाले हिस्से की ओर होती है।
**फ़ायदे:**
रीढ़ की हड्डी की लचीलापन और गतिशीलता को बढ़ाता है।
पाचन में सुधार करता है और अंग स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
पीठ और गर्दन में तनाव से राहत मिलती है।
शरीर की मुद्रा और संतुलन को बढ़ाता है।
---
नौका आसन
**विवरण:**
नाव मुद्रा में, शरीर पीछे की ओर झुकता है, कूल्हों को ज़मीन से ऊपर उठाता है, और दोनों पैर और धड़ एक साथ ऊपर उठते हैं, जिससे V आकार बनता है। हाथ पैरों के समानांतर आगे की ओर बढ़ सकते हैं, या हाथ घुटनों को पकड़ सकते हैं।


**फ़ायदे:**
मुख्य मांसपेशियों को मजबूत करता है, विशेष रूप से रेक्टस एब्डोमिनिस को।
संतुलन और स्थिरता में सुधार करता है.
पेट के अंगों को मजबूत करता है और पाचन तंत्र में सुधार करता है।
आसन में सुधार होता है, पीठ और कमर में असुविधा कम होती है।
---
धनुष मुद्रा
**विवरण:**
धनुष मुद्रा में शरीर ज़मीन पर सीधा लेट जाता है, पैर मुड़े हुए होते हैं और हाथ पैरों या टखनों को पकड़ते हैं। सिर, छाती और पैरों को ऊपर की ओर उठाने से धनुष की आकृति बनती है।
**फ़ायदे:**
छाती, कंधों और शरीर के अगले भाग को खोलता है।
पीठ और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
पाचन अंगों और चयापचय को उत्तेजित करता है।
लचीलापन और शरीर की मुद्रा में सुधार होता है।
---
ब्रिज पोज़
**विवरण:**
ब्रिज पोज़ में, शरीर ज़मीन पर सपाट लेट जाता है, पैर मुड़े हुए होते हैं, पंजे कूल्हों से मध्यम दूरी पर ज़मीन पर रखे जाते हैं। हाथों को शरीर के दोनों ओर रखा जाता है, हथेलियाँ नीचे की ओर होती हैं। फिर, ग्लूट्स और जांघ की मांसपेशियों को कस कर, कूल्हों को ज़मीन से ऊपर उठाया जाता है, जिससे एक पुल बनता है।


**फ़ायदे:**
रीढ़, नितंबों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
छाती को फैलाता है, श्वसन क्रिया में सुधार करता है।
थायरॉयड और अधिवृक्क ग्रंथियों को उत्तेजित करता है, शरीर की अंतःस्रावी प्रणाली को संतुलित करता है।
पीठ दर्द और अकड़न से राहत दिलाता है।
ऊँट मुद्रा
**विवरण:**
ऊँट मुद्रा में, घुटनों के बल बैठकर शुरुआत करें, घुटनों को कूल्हों के समानांतर रखें और हाथों को कूल्हों या एड़ियों पर रखें। फिर, शरीर को पीछे की ओर झुकाएँ, कूल्हों को आगे की ओर धकेलें, छाती को ऊपर उठाएँ और पीछे की ओर देखें।
**फ़ायदे:**
शरीर के सामने के भाग, छाती और कंधों को खोलता है।
रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
लचीलापन और शरीर की मुद्रा में सुधार होता है।
अधिवृक्क ग्रंथियों को उत्तेजित करता है, चिंता और तनाव से राहत देता है।
पोस्ट करने का समय: मई-02-2024